दर्द-ए-दिल
दर्द-ए-दिल
मानते हैं कुछ पंक्तियों में
हाल-ए-दिल नहीं कर पाएंगे बयां
पर मिल जाये शायद कोई ऐसा
जो दे हमें दिल की कोई दवा
लिख रहे हैं अपना दर्द-ए-दिल
शायद पढ़ले कोई दिल का हकीम
पढ़कर हकीम भी क्या दवाई देता
जो ख़ुद घायल निकला।
मानते हैं कुछ पंक्तियों में
हाल-ए-दिल नहीं कर पाएंगे बयां
पर मिल जाये शायद कोई ऐसा
जो दे हमें दिल की कोई दवा
लिख रहे हैं अपना दर्द-ए-दिल
शायद पढ़ले कोई दिल का हकीम
पढ़कर हकीम भी क्या दवाई देता
जो ख़ुद घायल निकला।