दोस्तों के साथ
दोस्तों के साथ
सच्चे मित्र, झूठी तारीफों, के न फूल बरसाते हैं
वे तो बेबाकी से आईना, सच का हमें दिखाते हैं
अहंकार, गलतफहमी के रोग दूर हो जाते हैं
जैसे ही आलोचना की, हमें कड़वी दवा पिलाते हैंI
सच्चे मित्र, झूठी तारीफों, के न फूल बरसाते हैं
वे तो बेबाकी से आईना, सच का हमें दिखाते हैं
अहंकार, गलतफहमी के रोग दूर हो जाते हैं
जैसे ही आलोचना की, हमें कड़वी दवा पिलाते हैंI