STORYMIRROR

RASHI SRIVASTAVA

Romance

2  

RASHI SRIVASTAVA

Romance

हर नए साल यहां पे वेलेंटाइन बदलते हैं

हर नए साल यहां पे वेलेंटाइन बदलते हैं

1 min
76

न मिलता सच्चा प्यार ना सच्चे साथी मिलते हैं 

हर नए साल यहां पे वेलेंटाइन बदलते हैं

जी भर जाता जब एक गुल से इक गुल नया खिलाते हैं 

देने वाले रोज़ यहां, हर रोज़ बदलते हैं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance