राखी का धागा
राखी का धागा
राखी का धागा प्रेम से बांधा, भाई रहे खुश मेरा
मेरी उमर भी लग जाए तुझको करती हूं ये दुआ
एक ही बगिया में हैं खिले हम
रहना तो पर अलग-अलग है
महकाएं अपनी अपनी क्यारी
ये ही तो दुनिया का चलन है
दूरी मिटा नहीं सकती रिश्ते, प्यार है अपना गवाह
मेरी उमर भी लग जाए तुझको करती हूं ये दुआ
रोली टीका तुझको लगा के
सौभाग्य लिखती माथे पे तेरे
रेशम के धागे में बांधूं
चैन की रातें हंसते सवेरे
सारा जहां हो तेरे कदमों में, आए ना कोई बला
मेरी उमर भी लग जाए तुझको करती हूं ये दुआ
दुनिया की दौलत ना चाहूं
उपहार में बस प्यार हो तेरा
जब मैं गिरूँ तू थामना मुझको
मैं भी कवच बन जाऊंगी तेरा
भाई बहन का पावन रिश्ता जग में है सबसे जुदा
मेरी उमर भी लग जाए तुझको करती हूं ये दुआ
चिढ़ते चिढ़ाते खूब सताते
एक दूजे बिन रह नहीं पाते
वो बचपन अनमोल खज़ाना
जिसमें तेरी मेरी यादें
ममता मां सी फ़िक्र पिता सी साथी भी तू मेरा
मेरी उमर भी लग जाए तुझको करती हूं ये दुआ।
