भाई का प्यार
भाई का प्यार
नदिया की लहरों सा शांत, प्यार भाई का रहता है,
अंतर भावों का सागर, पर मुँह से कुछ न कहता है;
औपचारिकतावश वो तो, उपहार बहन को देता है,
सच्चाई में जीवन ही, उसपे अर्पण कर देता है;
नोंक झोंक भी होती है, पर दिल में कटुता ज़रा नहीं,
एक बहन ने भी तो उस पर, निश्छल प्रेम को वारा है;
इस पवित्र बंधन में बंधना, लगता सबसे प्यारा है ll
