इश्क
इश्क
इश्क की नौकरी रास आई नहीं
एक भी दिलबर की अब तक कमाई नहीं
प्यार का रोग दर-दर भटकते रहे
हाय दी पर किसी ने दवाई नहीं
इश्क की नौकरी रास आई नहीं
एक भी दिलबर की अब तक कमाई नहीं
प्यार का रोग दर-दर भटकते रहे
हाय दी पर किसी ने दवाई नहीं