Priti Yawalikar
Drama Classics
बेशुमार कलाओं से दोस्ती हो कर
ख़ुदको खो दिया है तुमने कहीं,
की बेहद उलझी सी है तू,
तुझे अपनें हर कला से सुलझा दूं
जैसें एक अरसां कविताओं से
मुलाक़ात नहीं हुईं की,
दुनियां के हर ख़ूबसूरत अल्फाजों
से तुझे मिला दूं !
ए जिंदगी
दोस्ती
तलाश ए जिंदगी
दास्ताँ ए जिं...
मैं हाथ फैलाए खड़ा हूं, मुझे सब कुछ देने की हद पार कर दो। मैं हाथ फैलाए खड़ा हूं, मुझे सब कुछ देने की हद पार कर दो।
उठते मन के कोलाहल का, राज कोई न भांप सका, उठते मन के कोलाहल का, राज कोई न भांप सका,
मानो एक मशीन जो घड़ी के साथ ताल मेल बनाती हो मानो एक मशीन जो घड़ी के साथ ताल मेल बनाती हो
मेरी चाहते हैं अलग फिर भी साथ है मेरी चाहते हैं अलग फिर भी साथ है
अक्सर तेरी ही शिकायत थी मुझसे कि तुम कभी जताते नहीं हो अक्सर तेरी ही शिकायत थी मुझसे कि तुम कभी जताते नहीं हो
मेरे निशानों पे जो ये पहरा है लम्हा यहां जो ठहरा है। मेरे निशानों पे जो ये पहरा है लम्हा यहां जो ठहरा है।
क्यों तू भटक रहा है कुत्तों की तरह, मेरे खिलाफ सबूत जुटाने में । क्यों तू भटक रहा है कुत्तों की तरह, मेरे खिलाफ सबूत जुटाने में ।
बस अपने हल्के हाथों से... बचपन की यादें ताजा करते हैं। बस अपने हल्के हाथों से... बचपन की यादें ताजा करते हैं।
कोई गम में डूबा हुआ है। और किसी की छत आसमान से रोशन है कोई गम में डूबा हुआ है। और किसी की छत आसमान से रोशन है
वर्ना चले गए तो ढूंढे से, नहीं मिलेंगी परछाई भी उनकी। वर्ना चले गए तो ढूंढे से, नहीं मिलेंगी परछाई भी उनकी।
कैसे तेरी उस हल्की सी मुस्कान से मेरी रातों की नींद उड़ी थी, कैसे तेरी उस हल्की सी मुस्कान से मेरी रातों की नींद उड़ी थी,
फिर भी मुकद्दर का सिकंदर बन न सका है। फिर भी मुकद्दर का सिकंदर बन न सका है।
रूप दिखावे की, समृद्धि ही दिखती है देख नहीं पाती है अब, गौरव अतीत है पीछे।। रूप दिखावे की, समृद्धि ही दिखती है देख नहीं पाती है अब, गौरव अतीत है पीछे।।
शांति में अशांति में आंसू में खुशी में शांति में अशांति में आंसू में खुशी में
अपने रास्ते भी चलो तो कुछ न कुछ कहते जाते हैं मेरा कोई अस्तित्व नहीं यहां, अपने रास्ते भी चलो तो कुछ न कुछ कहते जाते हैं मेरा कोई अस्तित्व नहीं यहां,
मैया ने सोचा तब यह उपाय, कान्हा को सुंदर पहना दी पायल l मैया ने सोचा तब यह उपाय, कान्हा को सुंदर पहना दी पायल l
उसकी जगह रहती है दिल में उसकी प्रार्थना होती है दिल से। उसकी जगह रहती है दिल में उसकी प्रार्थना होती है दिल से।
सनक में डूबा रहता है...मानुष जिंदगी से ऊबा रहता है मानुष सनक में डूबा रहता है...मानुष जिंदगी से ऊबा रहता है मानुष
रोज रोज नए पकवान बनते खाते मीठे खट्टे ठीक है यह मेहमान गजब है। रोज रोज नए पकवान बनते खाते मीठे खट्टे ठीक है यह मेहमान गजब है।
ज़िंदगी भर साथ निभाएं अपनी ऐसी सोच नहीं करते ज़िंदगी भर साथ निभाएं अपनी ऐसी सोच नहीं करते