ए जिंदगी
ए जिंदगी
शायद ज़िंदगी बड़े इम्तिहान के
साथ वाक़िफ़ हो रही है
क्या है तेरे मशवरे ए जिंदगी,
तुझ तक लेके जा रही है
या हमें अपने आप
में खोना चाह रहीं है?
ए कायनात, हमें एहसास है
पर नहीं समझ में आ रहा,
तू क्या कहना चाह रहीं है;
पर तु कुछ तो हमसे,
जरूर कहना चाह रही है!