दोष किसका
दोष किसका
हर युग में सीता ही क्यों
अग्नि परीक्षा देती है।
पुरूष प्रधान मानसिकता
क्यों ऊपर ना उठने देती है।
गलती की थी रामचन्द्र ने
सजा मिली सीता को क्यों।
गया अकेला छोड़ कुटि में
स्वर्ण मृग पीछे दौड़ा क्यों।
एक ही गलती पर आज भी
नारी पर उंगली उठाते हैं।
कभी कुलक्षणा कभी कलमुंही
उपमान नवाजे जाते हैं।
नर को कोई बंधन नहीं
वो स्वछंद विचरण करता है।
पग डाल बेड़ियां नारी के
क्यों उसका वरण करता है।
पाबंदियों के कारावास में
उसको क्यों यूं बंद किया।
कब रूकेगी अग्नि परीक्षा
इसका क्या प्रबंध किया।
अंधेर नगरी में चौपट राजा
जब तक सभा बिठायेगा
तब तक चलेगी अग्नि परीक्षा
मन इतिहास दोहराया जायेगा।
