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डॉ0 साधना सचान

Inspirational

4.5  

डॉ0 साधना सचान

Inspirational

दोहे

दोहे

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जीवन इक संग्राम सा, दीख रहा है आज।

औरों को दुख ना मिले, ऐसा कीजो काज।।

                

रहो सुरक्षित घर में फिर, है समय की मांग।

मास्क लगाओ जतन से, डर जाएगा भाग।।


मत हारो मन से कभी, धीरज रखिये संग।

जीतेंगे मिलकर सभी, जीवन की ये जंग।।


माना अँधियारा घना, मत छोड़ो पर आस।

भोर भी तो आएगी, मन में रख विश्वास।।


घड़ियाँ हैं संकट भरी, चलो सम्भल कर आज।

बीतेगा ये भी कभी, करो सम्भल कर काज।।


मन मेरे धीरज धरो, धीरे सब कुछ होय।

अँधियारे को चीर के , भोर सुहानी होय।।


 रुका समय है कब भला, इसका ही सब जाल।

 हो खड़े संग में सभी, जब हो उलटी चाल।।


जीतोगे ये जंग तब, करो सभी ये टास्क।

ना निकलो घर से कभी, बिना लगाए मास्क।


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