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डॉ0 साधना सचान

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डॉ0 साधना सचान

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रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

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भाई-बहन का प्यारा

आया त्यौहार है ।

आँचल में भर लाया

खुशियाँ अपार है।।


रेशम की डोरी से

सजी कलाई है ।

आरती के थाल सजे

आई मिठाई है ।।


रक्षा करूँ सदा तेरी

खुशियों से भरूँ झोली ।

फर्ज निभाऊँ सदा

सगी चाहे मुँहबोली ।।


जुग जुग जीये भाई

लम्बी उमर होए।

सजा रहे मायका

आँख नहीं नम होए ।।

      



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