Laxmi Dixit

Abstract

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Laxmi Dixit

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दोहा 6

दोहा 6

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काशी के कण में बसा, 

महिमा अपरम पार।

अति सूक्ष्म ये रहस्य है, 

वेदों का ये सार।।

जिया अगर तो क्या जिया, 

जो न किया शिव ध्यान।

माटी की इस गात पर, 

मिथ्या करता मान।।


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