दिलचस्प होता है
दिलचस्प होता है
दिलचस्प होता है तब
जब मैं एक पल में
उदासी की चादर फेंक
ओढ़ लेता हूँ
सकारात्मकता की एक चादर।
आस पास का
पूरा परिदृढय
बादलों की तरह सरकता हुआ
दूर जाने लगता है
और इंद्रधनुष से अनगिन
ख्याल सरकते हुये
पास आने लगते हैं
मन एक नया संसार सा
हो जाता है
जिसमें ऐसा कुछ नही रह जाता है
जिससे संसार भरा हुआ है
रह जाते हैं आदमी
वो भी इतने बदले हुये
जैसे पहली बार मिल रहे हैं
और लगता है
उन्हें भी मेरी तरह ही
महसूस होता है कि
हम पहली बार मिल रहे हैं।
न कोई याद
न कोई कामना
न कोई विचार
बस जो है उसी में
और उसी पर मुग्ध हो जाता हूँ।