दिल मुझे तू ये बता
दिल मुझे तू ये बता
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चाहने से क्या मिला
दिल मुझे तू ये बता
दर्द ही क्यों मिला
दिल मुझे तू ये बता
ख़्वाब बन सका नहीं
हक़ीक़तें जब कभी
फिर तू क्यों
ख़्वाब देखता रहा
दिल मुझे तू ये बता
मिल सका नहीं तुझे
जब तेरा कोई हमसफ़र
उम्र भर तू फिर
किसे ढूंढता रहा
दिल मुझे तू ये बता
राह में मिला था कोई
राह में ही रह गया कोई
फिर तू किसकी
राह देखता रहा
दिल मुझे तू ये बता
हिज्र की वो रात थी
वो रात कब की बीत गई
उस रात को ही क्यों
तू रोज़ याद करता रहा
दिल मुझे तू ये बता
राह में मिले थे
और भी कई लोग मुझे
तन्हाई में छोड़ गए
मिलने वाले सब मुझे
उस एक शख्स को ही
तू क्यों पुकारता रहा
दिल मुझे तू ये बता
एक चाँद की तलाश में
न जाने कितने तारे टूट गए
कुछ रूठ गए, कुछ छूट गए
फिर मुझे तू क्यों
सिर्फ चाँद दिखता रहा
दिल मुझे तू ये बता