इंतजार
इंतजार
तुम्हारे इंतजार में जब-जब भी निकले मेरे क्रंदन गीत
आँखों से अश्रु बहते याद तुम्हें करते आ जाओ मेरे मीत
अब और कितना इंतजार करना दिन नहीं रहे हैं बीत
हमसे दूर तुम क्यों चले गए हो कैसे निभाओगे ये प्रीत
तुमसे मेरी दुनिया सजती तुमसे ही बजते जीवन संगीत
प्यार करने वालों को मिलती रुसवाई कैसी है यह रीत
आज खड़ी हूँ राहों में अकेले जाने क्यों हो रही भयभीत
मेरा प्रेम तुम्हें पुकारे बस आ जाओ मेरे पास दिल के मीत
नेह भरा यह हम दोनों का रिश्ता यहाँ ना हार है ना जीत
सर्वस्व और समर्पण दोनों करते ऐसी ही है हमारी प्रीत
क्षण भर भी निस्वार्थ प्रेम में ना होती किसी की जीत
तुम्हारी याद तड़पाती है बीत गए मौसम ग्रीष्म और शीत
इस दुनिया में इतनी भीड़ फिर भी किसी से ना होती बातचीत
अकेलापन बहुत सताता है डर लगता ना होता कुछ उचित
अब और कितना इंतजार करना दिन नहीं रहे हैं बीत
हमसे दूर तुम क्यों चले गए हो कैसे निभाओगे ये प्रीत।

