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दिल में प्यार नहीं !

दिल में प्यार नहीं !

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साथ होके भी हम साथ नहीं होते हैं 

पास होके भी हम पास नहीं होते हैं 

ऐसा क्या हैं जो रोकता हैं हमें,


टोकता हैं हमें, 

एक दूसरे के क़रीब जाने से 

मेरे दिल में प्यार नहीं या

उसके दिल में प्यार नहीं, 


समझ ही नहीं आता हैं 

ये इश्क़ भी अब पेचीदा सा

गंभीर सवाल लगने लगा हैं 

सुलझने के बजाय,

उलझता ही जा रहा हैं


कहाँ चला हैं ये,

औऱ कहाँ पहुंचेगा

आखिरकार इसकी मंजिल कहाँ है

कुछ पता नहीं चल रहा है 


मस्तिष्क हमारा कैसे-कैसे सवाल बनाता है 

साथ होके भी हम साथ नहीं होते हैं 

पास होके भी हम पास नहीं होते हैं !


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