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Praveen Gola

Romance

4  

Praveen Gola

Romance

दिल की उमंगें

दिल की उमंगें

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दिल की उमंगें देखो हुई जवाँ,

आज फिर याद आया वो मेहरबाँ,

कभी मिलते थे उससे हो बेजुबाँ,

आज भी छपे हैं मोहब्बत के निशाँ।


उसके जाने पर भी कम ना हुआ,

अपना दीदार ~ए ~ जश्न,

अक्सर तन्हाई में खींच लेते हैं,

उसको अपनी तरफ।


वो भी कसमसाता है,

लेने को हिचकियाँ,

इश्क मर नहीं सकता अपना,

चाहे कितनी भी दे कोई बद्दुआ।


बिन सोचे ये दिल उसका हुआ,

उसकी तस्वीरों को देख कहीं गुम हुआ,

पर बदनाम ना होने दिया इश्क अपना,

जिसका जो था रिश्ता वो खुल के जिया।


पर भूल ना सके उस दिलबर को,

अक्सर नाम लेते हैं उसका दबी जुबां,

दिल की उमंगें देखो हुई जवाँ,

आज फिर याद आया वो मेहरबाँ।


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