दिखावे के लिये
दिखावे के लिये
बहुत आसान सा एक सवाल के लिये
वजह तलाशते हो बवाल के लिये ।।
दोनों ही जानते दोनों के मनसूबों को
मगर बने हुए है पहेली दिखाने के लिए ।।
चलो हम दोनों लड़ते हैं बीच बाज़ार
हाज़िर हज़ार हमारे दीदार के लिये।।
देश की चिंता आजकल सताता है बहुत
कोई दुश्मन खोजता हूँ दोस्ती के लिये।।
कल था आज भी है जोड़तोड़ का जमाना
चलो इसे तोड़ते हैं उसे जोड़ने के लिये।।
क्या क्या न किया कुछ करने के खातिर
हासिल हुई क्या कुछ दिखाने के लिये।।
सोचता बहुत मगर क़ाग़ज़ कोरा बामन
कलम घिसते हो क्या दिखावे के लिये।।