STORYMIRROR

Kanchan Jharkhande

Tragedy Action

2  

Kanchan Jharkhande

Tragedy Action

दिखा तो सिर्फ़ फूलों का खिलना

दिखा तो सिर्फ़ फूलों का खिलना

1 min
279

सब कुछ कहाँ दिखा...

दिखा तो सिर्फ़ फूलों का खिलना

लोगों ने कहाँ देखा 

फूलों के संग, 

डाल भी खिलती है,

जड़े भी खिलती है,

और पौधा भी पेड़ हो गया। 


आकर्षित फूल ने उस पेड़ के

अवशेष अंगों को दिखने न दिया

लोग भी आकर्षित ही हुए...

फूलों की खुश्बू में...

उस नन्ही कली का डाल हो जाना

कहाँ दिखता है...

लदलदाते फलों से पहले 

उस डाल पर उगे हरे पत्तों को कौन देखता है। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy