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Vikas Sharma

Tragedy Action

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Vikas Sharma

Tragedy Action

दीया तले अँधेरा,

दीया तले अँधेरा,

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मेरे घर में है दीया तले अँधेरा,

तेरे घर में भी है दीया तले अँधेरा,

परिवार में राजनीती -ये दोहरे चेहरे,

क्या नहीं है ये दीया तले अँधेरा !


ये झूठे और स्वार्थ में लिप्त रिश्ते,

ये अपनापन जताते -मीठी पर झूठी बातें बोलते रिश्ते,

इस कलयुग में पैसे को ही धर्म मानते रिश्ते,

स्वार्थ के लिए एक छत के नीचे रहते रिश्ते,

क्या नहीं है ये दीया तले अँधेरा !!


चुनाव के समय पाँव पड़ते ये नेता,

गरीब -लाचार से इंसानियत दिखाते नेता,

चुनाव जीतने पर जनता को अ

पने क़दमों पर बिठाते नेता,

क्या नहीं है ये दीया तले अँधेरा !!!


धर्म के नाम पर डराते और लूटते ये धर्म के ठेकेदार,

ईश्वर का अवतार लिए लाशों का सौदा करते

ये सफेदपोश इंसान,

आपकी मजबूरी में आपके कपड़े उतारते

ये खाकी और काले कोट वाले इंसान,

क्या नहीं है ये दीया तले अँधेरा !!!!!


कहाँ नहीं है दीया तले अँधेरा,

हाँ -उस सतगुरु के दर पर,

उस इष्ट की चौखट पर,

केवल वहीं है उजियारा -प्रकाश -राह,

वहां नहीं है दीया तले अँधेरा ...!



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