"दीवाली त्योहार"
"दीवाली त्योहार"
जो मिटाता देता है, अपना अहंकार
उसके लिए तो रोज दीवाली त्योंहार
उनके लिए व्यर्थ, उजाले का पर्व यार
जिनका भीतर नहीं मिटा है, अंधकार
वहां पर रोज ही जले, दीपावली दीप
जो परिवार को समझे, अपना नसीब
उनके लिए दीवाली होती, सदा गरीब
जो होते स्वार्थी, एकाकीपन का गीत
दीवाली तो उनके लिए है, लुटाती प्यार
जो इसे आपसी मेल का समझे, त्योहार
जो आज, घटदीप जलाना, करते, स्वीकार
उनके लिए, दीवाली रोशनी का पारावार
इस दीवाली, छोड़ दो अहंकार पर्वताकार
फिर देखो, दीप जलेंगे बिना तेल के यार
साथ में अपनों को दो, स्वदेशी का प्यार
स्वदेशी से अर्थव्यवस्था में होगा, सुधार
कैडबरी टॉफी के लिए न टपकाओ लार
यह न जाने कितनी पुरानी, मिठाई बहार
इससे अच्छा अपने गांव का दुकानदार
जिससे खरीदों, खाओ, शुद्ध मिठाई, मावेदार