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Rashminder Dilawari

Abstract Romance Fantasy

4.5  

Rashminder Dilawari

Abstract Romance Fantasy

दीदार ए यार

दीदार ए यार

1 min
332


अब दो छोड़ मुझे है जाना दीदार ए यार के लिए

हुई पागल हाँ मैंने माना दीदार ए यार के लिए 

पुकारा उसने कि आज, है मिलान की रात

क्यों रोक रही मुझे जाने से, ये सारी कायनात


मिलने की चाह में मर जाना दीदार ए यार के लिए

हुई पागल मैंने माना दीदार ए यार के लिए 

बेड़ी बन पायल अपना, क्यों शिकंजा कसे

बन नागिन ये रात काली, क्यों मुझको डसे


बन सोहनी तर जाना दीदार ए यार के लिए

हुई पागल मैंने माना दीदार ए यार के लिए

मुझे तनहाई की आग में कोई झोक नहीं सकता

मिलन हमारे प्यार का कोई रोक नहीं सकता


प्यार के रंग में रंग जाना दीदार ए यार के लिए

हुई पागल मैंने माना दीदार ए यार के लिए

चमक रही बिजली है संकेत सावन के 

सिमट जाऊँ बाँहों में मैं अपने साजन के


दे जीत उसे सब हर जाना दीदार ए यार के लिए

हुई पागल मैंने माना दीदार ए यार के लिए

मिल के मैं अपने गुल से गुलज़ार हो गई

प्यार के इस सागर में मैं पार हो गई 


प्रीत का दामन भर जाना दीदार ए यार के लिए

हुई पागल मैंने माना दीदार ए यार के लिए।।


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