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Rashminder Dilawari

Abstract Inspirational

4.2  

Rashminder Dilawari

Abstract Inspirational

भाई बिधि चंद

भाई बिधि चंद

1 min
330


हुई एक कहानी शुरू

जब थे सिखों के छठे गुरु

वो समय कुछ और था

जब गुरु हरगोबिंद का दौर था 

एक दिन लोग आये उनके पास

कहते लूटे मुग़लों ने दो घोड़े ख़ास

बहुत ऊंचे थे जिनके दाम

दिलबाग गुलबाग अश्वों नाम

कठिन समस्या मुश्किल घड़ी

जाएगा कौन दुश्मन की गढ़ी

गुरु की फ़ौज में था एक बलवान 

भाई बिधि चंद जिनका नाम

सुन के गुरु का यह संदेश 

पहुंचा गड़ी वो बदल के वेश

कहता मैं हूँ एक अश्वपाल

जो रखता है अश्वों का ख्याल

खुश थे सब क्या ही थी बात

ले गए एक घोड़ा होते ही रात

भोर हुई सब हुए बेहाल

ना था एक घोड़ा और ना अश्वपाल

मुग़ल राजे ने कहा कुछ सोच के 

इनाम उसको जो लाएगा उन्हें खोज के 

तभी फेर एक ज्योतिष आया

जिसने सारा वाक्या दोहराया

कर के दिखाई एक एक बात

जो कुछ भी घटा था पिछली रात

ज्योतिष ने फिर आगे बोला 

दूसरे घोड़े का रस्सा खोला

देख फेर नज़ारा वहां सब हैरान थे

ज्योतिष के रूप में बिधि चंद महान थे

दिखा रूप जब उनका सुनहरा

घेरा डाला जो दे रहे थे पहरा 

सैनिक जब थे हुए हावी

खड़े छत पे नीचे बहती रावी 

देख के सैनिक रह गए दंग 

लगाई छलांग घोड़े के संग

घटना थी ये एक बहुत ही ख़ास 

रचा उन्होंने एक नया इतिहास

थी कहानी यह हौसले बुलंद की

दो घोड़ों और भाई बिधि चंद की


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