धुंए का कहर
धुंए का कहर
हर कश जिंदगी को जलाता
चला गया जान कर अनजान
नादान जिंदगी आग का दरिया
बनाता चला गया।।
जिंदगी चार दिन की
ज़िंदगी को खाक में
मिलाता चला गया जिंदगी
खूबसूरत इनयात जिंदगी
खुद ही मिटाता चला गया।।
साफ आसमान भी
काला हो जाता जब
उठता है धुआं धुंए के
धुंध घने कोहरे सा बनाता चला गया।।
सिगरेट बीड़ी का धुआं
लम्हा लम्हा जीवन को
समेटता ना जाने कब
जीवन हो जाये दुनियां
में दर्द की यादों जैसा जिंन्दगी
दल दल में डूबता चला गया।।
बड़ी मुश्किल से मिलती
ये जिंदगी कौड़ियों के मोल
मिटाता चला गया।।
जिंदगी प्यार मोहब्बत की
खुशियां खूबसूरत जिंदगी
मायूसीयत की भेंट चढ़ाता
चला गया।।
खांसते खांसते दम निकल
गया दिल जिगर जान जलाता
चला गया।।
मासूम जिंदगी की उम्मीदें
धुंए की दुन्ध दहसत की
भेंट चढ़ाता चला गया।।

