धरती अनोखा ग्रह
धरती अनोखा ग्रह
ईश्वर ने रचा संसार, ब्रह्मांड में ग्रह हज़ार
पृथ्वी सबसे सुंदर ग्रह, कर न सके कोई उसका बखान
प्यार, स्नेह, बहे दिलों में बना ले अजनबी को अपना
ये केवल मिलता है यहां लगता है जैसे सपना
प्रेम से संचालित होती सारी धरती देखो
सुदूर बसे ग्रह से आया इक वासी
जिज्ञासा थी उसको धरती कैसी दिखती
मिलकर उसने जाना सबसे अनोखी है धरती
स्नेह और प्रेम की भाषा से है चलती
बिन बोले ही उसने समझ लिया यह ज्ञान
लेकर अपने साथ गया धरती की सौगात।