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Vandana Kumari

Drama Others

4.6  

Vandana Kumari

Drama Others

दहेज

दहेज

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बेबी हूँ मैं पापा की,

नन्ही जान मैं मम्मी की।

भैया की मैं प्यारी बहना,

दादा दादी का क्या कहना।

मम्मी आज परेशान है,

किसी ने कहा लड़की जवान है।

जल्दी हाथ कर दो पीले,

चाहे जो भी लड़का मिले।

इस पर दादी अड़ी हैं,

चाची भी ऑगन में खड़ी हैं।

खानदानी लड़का हो दादा कहते,

चाहे हम अपना खेत बेच दें।

पापा कहते कमाऊ हो वर,

उसके बाद देखें उसका घर।

चाचा कहते देंगें दहेज,

लड़के को कहा फोटो भेज।

भैया कैसे रहते मौन,

कहते हैं ले लेंगें लोन।

देखो कैसी आफत बन गई हूँ

सबके सर का बोझ हो गई हूँ ।

जल्दी से सब उतारना चाहें,

फिर गंगा नहाना चाहें |

लड़की जो हो गई बड़ी,

बेवजह मुसीबत हो गई खड़ी।

ईश्वर ने लड़की क्या दिया,

सारे घर को चिंतित किया।

" वंदे " ये कैसा रिवाज है,

अभिशाप ये कैसा दहेज है।


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