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Kanchan Prabha

Tragedy

4.7  

Kanchan Prabha

Tragedy

दहेज के लोभी

दहेज के लोभी

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धरती पर लड़की की

क्या बस इतनी ही कीमत है

बड़ी हुई तो ब्याह करा दो

दहेज लोभियों की फितरत है


बेटी के आते ही पिता जी

लगते दिन भर खूब कमाने

बेटी को क्या क्या देना है

लग जाते हैं यही जुटाने


ढेरों पैसे से जो आज यहाँ 

बज रही शहनाई है

एक पिता ने दूजे पिता के

सामने गर्दन झुकायी है


अच्छा चल पड़ता है वहाँ 

एक पिता का व्यापार

अच्छी कीमत चुकाई है जहाँ 

दूजे पिता का प्यार


अरे लोभियों डरो खुदा से

दहेज लेन देन बन्द करो

इस दानव को मारो हृदय से

एक अभिशाप का अन्त करो 


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