देशप्रेम
देशप्रेम
अमर हुआ बलिदान
राष्ट्र की बने धरोहर....२!
सीमा पर सैनिक डटे
जान पर खेलकर
विचारों की क्रान्ति से
अंगारों पर चलकर
अमर हुआ........!
झंझावात से निकल
स्वच्छन्द गीत बनकर
जय हिन्द बोलें हम
वीरों की गाथा सुनकर
अमर हुआ........!
विश्व बंधुत्व का नारा
सब आक्रोश मिटाकर
एक बनें और नेक
सुहाने सपने बुनकर
अमर हुआ........!
बलिदान व्यर्थ न जाने दो
स्वतंत्रता को अमर बनाकर
आओ हम सब मिल जायें
एकता के बंधन में बंधकर
अमर हुआ............!
सब अपने हैं सोच ऐसी
सभी द्वेष हटाकर
देशप्रेम सबका सपना हो
सारे स्वार्थ भुलाकर
अमर हुआ........!