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Dinesh paliwal

Classics Inspirational

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Dinesh paliwal

Classics Inspirational

।। देश ।।

।। देश ।।

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नक़्शे पर खिंची लकीर, भावनाओं की तस्वीर,

उमड़ता घुमड़ता सा इतिहास, या बस एक गर्व का एहसास।।

देश


जन्म से ही मेरी पहचान, कर्म क्षेत्र संचित सम्मान,

उत्साहित मन, गर्वित भाल, अनुत्तरित से, कुछ सवाल।।

देश,


विभिन्न भाषा, बदलते भेष, चल पड़े कुछ , खड़े शेष,

मौसम जुदा, हैँ मौके जुदा, हर हाल पर एक नई कथा।।

देश


एक विधान, एक संविधान, बस एक प्रण, एक आहवान,

संप्रभुता अक्षुण, स्वाभिमान, धर्मनिरपेक्ष, सब हैं समान।।

देश


सीमा सुरक्षित, निर्भीक जवान, लहलहाते खेत, खुशहाल किसान,

आत्मनिर्भरता प्रण, लक्षित उद्देश, योग और शांति, ये विश्व संदेश।।

देश


मेरा परिचय, है अभिमान भी, मेरी शक्ति है, मेरी शान भी,

प्रजातंत्र अडिग, गणतंत्र जवान, भारत देश मेरा, सबसे महान।।


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