देश
देश
मेरा भारत बना आज फिर
दुनिया का सिरमौर
ये जो कहता सुनते हैं सब
देकर पूरा गौर
यूँ तो घर-घर हम हैं जलाते
विश्व-प्रेम की ज्योत
बल-वर्धन भी करते क्यूँकि
बिन भय प्रीत न होत
मक्कारी से कोई करे यदि
सत की राह अड़ंगा
उसकी छाती पर चढ़ हम
फहराते हैं तिरंगा!