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देश रक्षा धर्म रक्षा

देश रक्षा धर्म रक्षा

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आओ मित्रो,

श्रृंगार करो है ये शुभ दिन

अब आया।


उठो युवा,

तुम हो अर्जुन की

दिव्य अजेय सी छाया।


विकट स्थिति

पल पल मृत्यु

काल की है ये माया।


उठो युवा,

देखो बन सारथी

स्वयं समय है आया।


ये युद्ध है

आज महाभारत का

धर्म प्रशस्ति और एकता का।


ये युद्ध है आज

महाभारत का

निडरता और विश्वास का।


अब नहीं लड़ पाओगे

तो पुत्र को

क्या सिखलाओगे।


शर्म के मारे तो

तुम आँख भी

मिला नहीं पाओगे।


जी देवपाल जाओ,

खड़ग कब

तैयार करवाओगे।


ये तो कायर है,

क्यूँ कब तक

समझाओगे।


करो मार्ग प्रशस्त,

हो सुसज्ज आओ

हो जाये निर्वाण।


एक संकल्पित भविष्य का

चलो करे

अभी निर्माण।


एक सुखी समय

देने से पहले

समय मांगता है प्रमाण।


प्रश्न अब भी है

वही है

क्या तुम उठाओगे कृपाण।।


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