नमस्कार । मां समान इस हिंदी भाषा को कुछ समर्पण अपनी कहानियों वाली कविताओ के माध्यम से करता हु। पसंद आए तो बस मुस्करा दिजिए ।
रामा ने बुलावो दीजौ जी, लारै सीताजी ने लावै अशो कीजो जी। रामा ने बुलावो दीजौ जी, लारै सीताजी ने लावै अशो कीजो जी।
हे कृष्ण! जब तू गहरी योग निद्रा में है तब तेरे बनाये इस विश्व का , इस प्रकृति का विध्वंस हो रहा है। हे कृष्ण! जब तू गहरी योग निद्रा में है तब तेरे बनाये इस विश्व का , इस प्रकृति का...
आकाश को कृष्ण से श्वेत कब तक तू रंगवायेगा। नहीं करेगा तो चिंता से ठगा सा रह जाएगा।। पेट की अग्... आकाश को कृष्ण से श्वेत कब तक तू रंगवायेगा। नहीं करेगा तो चिंता से ठगा सा रह ज...
एक सुखी समय देने से पहले समय माङ्गता है प्रमाण। प्रश्न अब भी है वही है क्या तुम उठाओगे कृ... एक सुखी समय देने से पहले समय माङ्गता है प्रमाण। प्रश्न अब भी है वही है ...
तुम बढ़ती रहो अब निरन्तरा ॥ ओ विशालिनी, ओ दयालिनी। ओ दुखभञ्जिनी, ओ मालिनी॥ इतनी तू महिमा मन्डित ... तुम बढ़ती रहो अब निरन्तरा ॥ ओ विशालिनी, ओ दयालिनी। ओ दुखभञ्जिनी, ओ मालिनी॥ इत...