देश के असली हीरो
देश के असली हीरो
सरहद पर तैनात जवान,
खेतों में मेहनत करता किसान,
एक पेट भरता है समस्त देश का,
तो दूजा दुश्मनों से बचाता है जान।
न नींद की चिंता न भूख की,
देश के हैं, वास्तविक हीरो यही,
सदा सेवा में तत्पर इन नायकों का,
हमें करना चाहिए, सदैव ही सम्मान।
देश का अन्नदाता किसान,
मातृभूमि का पहरेदार जवान,
धरती माँ के पुत्र दोनों, बलशाली,
तन, मन और श्रम से करते बलिदान।
आए आँधी या कोई तूफ़ान,
हटते नहीं पीछे लगा देते जान,
धूप हो कड़ी या बारिश की बौछार,
निडरता से संभाल लेते अपनी कमान।
सदैव रखते हैं देश का मान,
युद्ध या आपदा पड़े कोई आन,
तैयार रहते सदा करते हैं सुनिश्चित,
अन्न मिले सभी को सुरक्षित रहे जान।
ज़ख्मी हो जाने पर भी जान,
मरहम लगाने का कहाँ रहे भान,
बस एक ही ख़्वाब इनकी आँखों का,
देश बने सबसे बलशाली, सबसे महान।
खेतों में जूझ रहा है किसान,
सीने पर गोली खा रहा है जवान,
राहें अलग-अलग भले दोनों की पर,
एक ही मकसद है इनका, देश कल्याण।
पोषित करे देश का हीरो किसान,
सुरक्षित करता देश का हीरो जवान,
नमन है इनको, नमन इनके जज्बे को,
देश का गौरव दोनों, हैं दोनों देश के मान।