देश का स्वाभिमान
देश का स्वाभिमान
भारत माता का मान बढ़ाया था,
किया था स्वयं के प्राणों का विसर्जन।
श्रद्धा सुमन अर्पण हमारा,
करते उन वीर शहीदों को नमन।
हिम्मत का जोश युवाओं में,
भरना अभी बाकी था,
फिर क्यों छोड़ वह चले गए।
महफूज था वतन यह आगोश में जिनके,
फिर क्यों छोड़ वह चले गए।
वतन को जरूरत है जिनकी आज भी,
वीरान छोड़ इस वतन को,
फिर क्यों वह चले गए।
चले गए करके सबकी आंखें नम् ,
करते हम सब आज आपको मनन।
स्वाभिमान देश का फिर से जीवित कर जाओ,
एक बार पुन: इस धरा पर आ जाओ।