देखो, तुम अब चुप नहीं रहना
देखो, तुम अब चुप नहीं रहना
तुम्हें चुप कराने की ज़ब कोशिश हो,
तब जीवन में मूक कभी मत रहना !
ज़ब कोई तुम्हारी बात एक ना सुने,
ऐसे प्रकरण में कभी मौन मत रहना !
बहुत आएंगे तुमको यूँ डरानेवाले,
तुम कभी भी डरकर मत छुपना !
अपने कर्म को अपना धर्म समझकर,
यूँ ही अपने लक्ष्य पर अडिग रहना !
देखो, यह तो कोई नयी बात नहीं है,
हर युग में ऐसा होता आया है,समझना !
खरी- खरी और सच कहने वाले को,
यक़ीनन बहुत कुछ पड़ता है सहना !