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Sanjay Jain

Romance

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Sanjay Jain

Romance

देखकर हुआ प्यार

देखकर हुआ प्यार

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देख कब से रहा, तुमको हो जानेमन।

पर शायद तेरा ध्यान, मुझ पर नहीं।

तू किसी और के इंतजार में हैं।

पर वो शायद किसी, और को देख रहा।।


कुछ तो रब अब, तुमको करना पड़ेगा।

ताकि दो प्रेमी, मिल जाए यहां।

एक दूसरे की भावनाओं, को वो समझे।

रब के द्वारा बनाई जोड़ी, वो समझ ले।।


प्यार के बंधन में वो, बंध जाए यहां।

देखा देखी वाला रिश्ता, कर दे अमर।

प्यार मोहब्बत को दिल से, महसूस कीजिए।

ये अनोखा रिश्ता को, कुछ नाम दीजिए।।


प्यार मोहब्बत का गीत, लिखा संजय ने।

यदि अच्छा लगा तो, दे दो स्नेह प्यार

और आशीर्वाद हमें।।



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