STORYMIRROR

Manisha Patel

Romance

4  

Manisha Patel

Romance

"ढाई अक्षर प्रेम के"

"ढाई अक्षर प्रेम के"

1 min
345

ढाई अक्षर का प्यार भर देता जीवन में रंग हज़ार, 

उम्र भर चढ़ा ही रहता, ना उतरता इसका ख़ुमार। 


पा लिया जिसने जीवन में इस प्यार को वो तो धनवान है, 

हसीन बनाकर ज़िंदगी के हर पल को, कर देता ये गुलज़ार। 


सहरा भी महकने लगे मोहब्बत नाम ही है ऐसा साथिया, 

मौसम-ए-ख़िज़ाँ में भी दिल को महसूस करा देता ये बहार। 


ढाई अक्षर प्रेम के सुनकर ज़ुबाँ से तेरी, मैं बावरी हुई, 

आरज़ुएँ लेने लगी करवटें, आँखें चाहती हर पल तेरा दीदार। 


मिली जब से नेमत ए मोहब्बत तेरी, तक़दीर ये बुलंद हुई, 

रूह को छू लिया तूने साथी, आने लगा बेचैन दिल को क़रार। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance