डाकिया
डाकिया
शब्द ज्योति अखंड फोन डाकिया
बिछड़ के तुमसे मिलना है
मिट के फिर हमें बनना है
जलाते रहे हमसे हमें
तो ज्योत फिर भी बनना है
शब्द ज्योति अखंड फोन डाकिया
बिछड़ के तुमसे मिलना है
मिट के फिर हमें बनना है
जलाते रहे हमसे हमें
तो ज्योत फिर भी बनना है