दौलत पाने की कोई ......!
दौलत पाने की कोई ......!
जाने क्यों दौलत के पीछे पीछे भागने की कोई ख्वाइश नही मेरी,
पैसो से सब कुछ पाना आसान है यह जानते है हम पर जब कुछ
पाने की इच्छा ही नही तो दौलत का क्या करे,
दौलत से मैं तेरा प्यार नही खरीद सकती जो मुझे सुकून दे सके,
दौलत से मैं तेरा वो वक्त नही खरीद सकती जो तू मेरे संग गुजार सके,
दौलत से मैं किसी का विश्वास ईमान नही खरीद सकती और प्यार विश्वास
पर टिका होता है,दौलत
काश दौलत से मैं चैन की नींद खरीद सकती पर वो भी नही मिलती दौलत से,
सुकून हमको जो अपने आशियाने में मिल रहा है वो महलो में नही मिलेगा,
दौलत के पीछे भाग कर महल बना कर क्या करना,
जो है जितना है उसमें ही खुश होकर रह लेते है बस अच्छा है,
तेरा और मेरा प्यार कोई दौलत का मोहताज नहीं,
प्यार कभी कोई खरीद या बेच नही सकता
जो बिक जाए वो प्यार नही व्योपार है,
दौलत को पाने की चाह में अपना हुनर हम बेच नहीं सकते,
ना ही नाम कमाने की चाहत दिल मे ना ही पैसा कमाने की कोई ख्वाहिश,
लोगों के दिलों में रहे हम जिंदा एक अच्छे इंसान की तरह बस इतना काफी है,
कल को मेरे बोल मेरे कर्म रह जाये जग में याद सबको इतना काफी है,
जो आया है वो जाएगा एक रोज दौलत मकान सब रह जायेगा यहां पर ही,
फिर किस बात का और किस चीज़ का घमंड करूँ मैं।