Monali Kirane
Tragedy
आज़ाद है उड़ना चाहें हम
पर दायरे है वहीं के वहीं,
जब उमर बीती आधी से बड़ी
तब जाना हम पंछी ही नहीं!
जीवन का सच
हमसफर
कुदरत के आंसू
दायरे
अपनापन
उलझन
बेबसी
आज मैं ताकतवर, घर की रानी हूँ वहीं दोहराती कहानी हूँ आज मैं ताकतवर, घर की रानी हूँ वहीं दोहराती कहानी हूँ
कहै भारती लगी, माथ अंग्रेजी बिंदी। अपणे घर म्ह हुई, देख हिंदी की हिंदी। कहै भारती लगी, माथ अंग्रेजी बिंदी। अपणे घर म्ह हुई, देख हिंदी की हिंदी।
जहाँ अदालत में न्याय का बहस अंग्रेजी में होना सौभाग्य माना जाता है। जहाँ अदालत में न्याय का बहस अंग्रेजी में होना सौभाग्य माना जाता है।
बेटी को क्या क्या देना है लग जाते हैं यही जुटाने बेटी को क्या क्या देना है लग जाते हैं यही जुटाने
कितने वादों की पढ़नी अभी, किताब बाकी है कितने वादों की पढ़नी अभी, किताब बाकी है
कूड़े के ढेर में रही चित्कार आधी खायी हुयी नन्ही जान आज मांग रही इन्साफ है। कूड़े के ढेर में रही चित्कार आधी खायी हुयी नन्ही जान आज मांग रही इन्साफ है।
उन सपनों को पाने के लिए, मैंने अपनों को भी खोया !! मत पूछ मैंने क्या - क्या खोया उन सपनों को पाने के लिए, मैंने अपनों को भी खोया !! मत पूछ मैंने क्या - क्...
चुपचाप सह लिया यूँ ही अपना समझकर। चुपचाप सह लिया यूँ ही अपना समझकर।
बरसात बनकर बरसना मुझे अच्छा लगता है मैं कहाँ बरसू मुझे जगह तो दो।। बरसात बनकर बरसना मुझे अच्छा लगता है मैं कहाँ बरसू मुझे जगह तो दो।।
ख़ुदा की रहमत ना थी या अपनों ने की थी रुस्वाई ख़ुदा की रहमत ना थी या अपनों ने की थी रुस्वाई
हिमालय की चोटी छलनी छलनी होती घाटों में भारतवासी शर्मिंदा है कायरों की चालों से हिमालय की चोटी छलनी छलनी होती घाटों में भारतवासी शर्मिंदा है कायरों की चालों ...
हिन्द में हिन्दी का ज्ञान नहीं जिसको वह घोर अभागा है मानव। हिन्द में हिन्दी का ज्ञान नहीं जिसको वह घोर अभागा है मानव।
इक सामान सा हर वक्त वही पड़ा रहता है जिसकी जरूरत अब किसी को नही थी इक सामान सा हर वक्त वही पड़ा रहता है जिसकी जरूरत अब किसी को नही थी
किसी ने मुझे मुमताज़ कहा तो किसी ने कहा हीर किसी ने मुझे मुमताज़ कहा तो किसी ने कहा हीर
क़ैद थे दो परिन्दे जो अलग-अलग पिंजरों में... संग आज़ाद होने की ख्वाहिश कर बैठे। क़ैद थे दो परिन्दे जो अलग-अलग पिंजरों में... संग आज़ाद होने की ख्वाहिश कर बैठ...
एक बेहतर अच्छी जीवन की, मैं भी तो हूं अधिकारी एक बेहतर अच्छी जीवन की, मैं भी तो हूं अधिकारी
दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने वाले तू भी माटी का ही बना पुतला है, दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने वाले तू भी माटी का ही बना पुतला है,
इच्छाओं का कत्ल कल भी होगा बेटियां पैरों तले और बेटा शीर्ष पर होगा । इच्छाओं का कत्ल कल भी होगा बेटियां पैरों तले और बेटा शीर्ष पर होगा ।
क्यों, उनके बुजुर्गों में हम उनका हाथ छोड़ देते हैं? क्यों, उनके बुजुर्गों में हम उनका हाथ छोड़ देते हैं?
कभी बदनीयत से हमारे अरमानों को रौंद देते हैं, अपनी वासना में हमारे जिस्मों को नोच कभी बदनीयत से हमारे अरमानों को रौंद देते हैं, अपनी वासना में हमारे जिस्मों ...