अपनापन
अपनापन
1 min
80
वह प्यार ही क्या जो दर्द ना दे,बस कसमें ले और छोड़ दे
ज़जबातों के इस सागर मे मॉंझी की तरह गर साथ ना दे!
जब प्यार ही दुनियादारी हो आंसू की कीमत किसे यहॉं,
टूटा दिल सिसकी लेता है,फिर से धड़के बेकार कहॉं!
बेदर्द बड़ीसी दुनियां मे सब चाहें कोई हो अपना सा,
एक प्यार भरे घरोंदे में बिते ये जनम् बस सपना सा!