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Monali Kirane

Inspirational

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Monali Kirane

Inspirational

कुदरत के आंसू

कुदरत के आंसू

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इन्सान निचोडे कुदरत को गुस्सेका सैलाब आया है

खुदगर्जी भरे कई कामों का हम ने ये नतिजा पाया है ! 


बारिश के आंसूं थमते नही या सिसक् रों रहा धरती का दिल

कही धधक रही हरीयाली है इन सबसे हो रहा क्या हासिल ?


दे दे के चवन्नी लुटा रहे नायाब तिलस्मी खजाने को

आगाज प्रलय की दे सी रही धरती माँ हम इन्सानों को !


अपने दो गज़ के घरोंदे को दिलजान लगाके संवारे हम

गर समझे जहॉं को ही घर सा और उसें बचाने उठाए कदम।


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