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Amresh Kumar Labh

Tragedy

4.5  

Amresh Kumar Labh

Tragedy

दानवों के राज में इंसान घूमेगा नहीं

दानवों के राज में इंसान घूमेगा नहीं

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दानवों के राज में इंसान घूमेगा नहीं

दीन दुखियों का कभी भी हाल पूछेगा नहीं


हुक्म है सरकार का कि ठोक दो धारा कई

ले जमानत कोई मेहरबान छूटेगा नहीं


करतूतें काली सही कोई उजागर ना करे

जो दरिंदें हैं हमारे कोई छूएगा नहीं


मर गई इंसानियत जिन्दादिली मत खोजिए

जुल्म करने से कभी हैवान चूकेगा नहीं


जुल्म सह कर जी रहे उफ़ तक नहीं करते कभी

लाश जिन्दा हैं सभी कोई जान फूंकेगा नहीं


कारनामें देखकर तो खौल जाता रक्त है

तोड़ दें हर बेड़ियाँ कि और चूसेगा नहीं


हर तरफ लूटें मची हैं आपदा अवसर बना

हद सुशासन की हुई ता उम्र भूलेगा नहीं।


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