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Goldi Mishra

Classics Inspirational

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Goldi Mishra

Classics Inspirational

चुनाव आ गए

चुनाव आ गए

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विषय– चुनाव आ गए

मंत्री जी निकले है सदन से बात आखिर क्या हुई,

सुना है चुनावों की घोषणा हुई।


हर ओर हड़कंप मच गया,

कोई रूठे रिश्तेदार मनाने निकला

कोई राम के दर अयोध्या जा पहुंचा,

एक मंत्री जी चुप खड़े थे,

बड़ी चिंता और शिकन से घिरे थे,

मैं गया पास और पूछा क्यों कैसे चुप हो खड़े,

मंत्री जी ने उबासी भरी और बोले,


कुछ नही मेरे दल ने मेरे ही

पुराने मुद्दे पत्रकारों को सौप दिए,

यही नहीं मेरी जगह चुनाव में

अपने दूर के चाचा खड़े कर दिए,

मैने पूछा अब क्या करने की सोची है,

मंत्री जी बोले अब दल बदली की सोची है,

चुनाव का एजेंडा बस इतना है,


पहले जनता जनता

फिर अपने रास्ते निकल जाना है,

बेरोजगारी, महिला सुरक्षा आदि सभी

मुद्दे आज कल सुनने को मिलते है,

पर चुनाव की जीत के बाद ये मुद्दे

किसी कचरे के ढेर में मिलते हैं,


इन चुनावों में मनोरंजन जम कर हुआ,

दल बदली का सिलसिला भी शुरू हुआ,

सभी दलों में मंत्री तीतर बितर से दिखते है,

और ये सब चुनावी दल देश की

एकता बनाए रखने की बाते करते हैं,

झूठी दलील अब बहुत हुई,

मंत्री जी की नींद अभी तक पूरी न हुई,

कुर्सी के सपने हर एक ने देखे,

आंखे खोल कर जनता के मुद्दे किसी ने न देखे,

सरकार आयेगी सरकार जायेगी,

पर क्या कोई सरकार कुर्सी से परे

सोच जनता के लिए कुछ कर पाएगी,

मंत्री जी जागो,

कुर्सी के पीछे नहीं देश सेवा की ओर भागो,

मुद्दे मत खड़े करो,

नए देश की नई तस्वीर रचो।


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