चंद लम्हों में
चंद लम्हों में
चंद लम्हों में सुनहरे सपनों की राहों में खो जाऊँ
चाँदनी की चमक बनकर तेरी राहों में बिछ जाऊँ
मौसम के संग उड़ती हवाओं के साथ- साथ चलूँ
उसकी पायल की बजती धुन में कहीं मैं खो जाऊँ
मन के उस अंधियारे में आँखों की रौशनी बनकर
उसकी याद में सितारों के संग रातों को खो जाऊँ
धूप-छाँव की डोरी पकड़कर उसके संग संग चलूँ
सपनों की राहों में हसरतों के परचम को लहराऊँ,
जीवन के सफर में संजोकर रखे हमने कुछ लम्हे
खुद को खोकर चंद लम्हों में उसमें कहीं खो जाऊँ
चांदनी रातों में झिलमिलाती किरणों संग बाते कर
जीवन के रंगों को समेट शीतल पवन मैं बन जाऊँ
चंद लम्हों में उसके साथ कोई नई कहानी बन गई
प्यार का सफर मैं उसकी कोई गज़ल मैं बन जाऊँ
खिलते गुलाबों की महक ने ख्वाबों को सजा दिया
उसके बालों में लगे हुए फूलों की खुशबू बन जाऊँ
हर एक पल, हर एक मोड़ पर, उसके साथ देना है
हमारे प्यार की एक अनमोल कहानी मैं लिख जाऊँ
उसके साथ बिताए हर पल, दिल की दुनिया में खास
प्यार की दुनिया में फिर से चंद लम्हों को मैं चुरा लाऊँ।

