चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं
चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं
अपनी खुशियां लोगों में बांट के आते हैं,
दूसरों को मुस्कुराने की वजह दे कर आते हैं l
चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं ll
सोते हुए लोगों को जगा कर आते हैं,
हम लोगों में प्रेम के बीज बो के आते हैं l
चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं ll
डगमगाए कदमों को संभाल कर आते हैं,
अपने तजुर्बे से उन्हें कुछ सिखा कर आते हैं l
चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं ll
खोई हुई उम्मीदों को जगा कर आते हैं,
रोते दिलों को हंसा कर आते हैं l
चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं ll
मासूमों की उंगली थाम के आते हैं,
उन्हें जिंदगी की डगर में चलना सिखा कर आते हैं l
चलो हम तुम कहीं घूम के आते हैं ll
