दांपत्य प्रेम
दांपत्य प्रेम
दांपत्य प्रेम को निभाना बड़ा कठिन है,
पर दांपत्य प्रेम ही जीवन का नीव है l
दांपत्य प्रेम में बहुत से रोड़े हैं,
जीवन में प्रेम के बीज यहीं से बोए हैं l
दांपत्य प्रेम सफल वहां होता है,
जहां स्त्री पुरुष का सम्मान होता है l
जहां स्त्री का सम्मान नहीं,
वहां लक्ष्मी नहीं, जहां पुरुष का सम्मान नहीं,
वहां विष्णु नहीं, जहां लक्ष्मी विष्णु नहीं,
वहां दांपत्य प्रेम नहीं l
जहां लक्ष्मी नहीं वहां समृद्धि नहीं,
जहां विष्णु नहीं वहां शांति नहीं,
जहां लक्ष्मी विष्णु नहीं, वहां दांपत्य प्रेम नहीं l
दांपत्य प्रेम में उतार है चढ़ाव है,
सुख है दुख है, झगड़ा है समझौता है,
दांपत्य प्रेम से हमारा अस्तित्व है,
दांपत्य प्रेम से हम संपूर्ण हैं l
