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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy Thriller

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy Thriller

चली गई

चली गई

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4

नज़र से नज़र मिलाने को बेताब था मैं,

लेकिन वह अपना मुंह मोड़कर चली गई।


इशारों की बात करने को बेताब था मैं,

लेकिन वह रेत की तरह सरकती चली गई।


धड़कन का ताल मिलाने को बेताब था मैं,

लेकिन वह मेरा दिल तोड़कर चली गई।


इश्क की बसंत महकाने को बेताब था मैं,

लेकिन वह जीवन पतझड़ बनाकर चली गई।


इश्क की अमीरात बसाने को बेताब था मैं,

लेकिन वह मुझे शोक में डुबाकर चली गई।


रुह से रुह मिलाने के लिये बेताब था "मुरली",

लेकिन वह दिल में नफ़रत जगाकर चली गई।



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