चल वही फिरसे टकराते है...
चल वही फिरसे टकराते है...
चल फिरसे वही दोहराते हैं,
फिरसे पहली बार मिलते हैं,
अजनबी बन जाते है हम,
चल वही फिरसे टकराते हैं ...
रोज खोना आँखों में तेरी,
रोज फिरसे एक दूसरे को पाते हैं,
पल पल का जादू समेटके,
चल वही फिरसे टकराते हैं ...
फुल बिखेरे जहाँ खुशबू,
उसी गली में बिखर जाते हैं,
आवाज देंगे भवरे,
चल वही फिरसे टकराते हैं ...
ओझल ना हो पाये तु मुझसे,
कुछ इस तरहसे मिलते है,
भुल जाये इस दुनिया कों,
चल वही फिरसे टकराते हैं ...