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Sneha Rathi

Romance Tragedy

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Sneha Rathi

Romance Tragedy

चल वहां जाते हैं

चल वहां जाते हैं

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यादों से निकल कर, चल एक दूसरे में समा जाते हैं

कोई ना हो तेरे मेरे सिवा जहां, ऐसा मंजर ढूंढ लाते हैं

चल वहां जाते हैं चल वहां जाते हैं.... 

जहाँ, 

किताबों में ना करके खुले आम एक दूसरे का जिक्र करते हैं

तस्वीर से नहीं एक दूसरे से आंखें चार करते हैं

चल वहां जाते हैं चल वहां जाते हैं.... 

जहाँ

सब कुछ पीछे छोड़ कर एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं

अपनों से चोट खाकर जो घाव मिले हैं उन पर मरहम लगाते है।  

चल वहां जाते हैं चल वहां जाते हैं.... 



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